6 कक्षा की परीक्षा फेल! रुक्मिणी रियार पहले अटेम्प्ट में UPSC क्लियर कर बनीं IAS, यहां पढ़ें की सफलता की कहानी।
सेल्फ स्टडी की सहायता से छटी कक्षा फेल रुक्मिणी रियार संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पहिले ही अटेम्प्ट मे पास कर बनी IAS. सिव्हिल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली रुक्मिणी रियार 6वीं क्लास में फेल हो गईं थीं।
UPSC ची परीक्षा पास करने के लिए काही छात्र सालो साल तयारी करते है लेकिन सफल नही होते. यूपीएससी परीक्षा के लिए छात्र क्लासेस लगाकर तैयारी शुरु करते हैं लेकिन असफल हो जाते हैं। रुक्मणि रियार यह उन सभी के लिए एक आदर्श है जो कि अपनी सेल्फ स्टडी करके यूपीएससी परीक्षा पहले ही attempt में पास करना चाहते हैं। बल्कि रूप में नहीं यार यह छठी कक्षा फेल हो चुकी थी।
IAS Officer Rukmani Riar Success Story: स्कूल में छठी क्लास में फेल होने वाली रुक्मिणी रियार (Rukmani Riar) ने बिना कोचिंग यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की और पहले प्रयास में ऑल इंडिया में दूसरा स्थान हासिल कर आईएएस अफसर (IAS Officer) बनने का सपना पूरा किया.
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फर्स्ट टाइम में यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली रुक्मणि रियार पंजाब के गुरदासपुर की रहने हैं। उन्होंने बिना कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और पहले ही प्रयास में दूसरा स्थान हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा किया।
6 वीं कक्षा में हो गईं थीं फेल अब हैं IAS :-
१) रुक्मिणी रियार की शुरूआती पढ़ाई गुरदासपुर से हुई थी।
२) इसके बाद वह चौथी क्लास में डलहौजी के सेक्रेड हार्ट स्कूल गईं।
३) रुक्मिणी बचपन में पढ़ाई में होनहार नहीं थी। इसलिए परिवार ने उन्हें बोर्डिंग स्कूल भेज दिया।
५) हालांकि, जब रुक्मिणी अपनी पढ़ाई के दौरान 6 वीं कक्षा में थीं, तब भी वह फेल हो गईं थीं।
IAS रुक्मणि रियार थी डिप्रेशन का शिकार :-
रुक्मणि रियार जब छठी कक्षा में फेल हो गई थी तब कुछ दिनों के लिए वह डिप्रेशन में चली गई थी अपने दोस्तों से परिवार जनों से और समाज में घूमने फिरने में शर्म आती थी जिसके कारण वह डिप्रेशन में गई थी लेकिन एक बार फेल होने के बाद उन्होंने ठान लिया कि वह फिर कभी असफल नहीं होंगी और अपनी असफलता से प्रेरणा लेकर वह एक होनहार छात्रा के रूप में सामने आएंगी।
IAS Rukhmini Riar Successful Story :-
यह IAS सक्सेसफुल स्टोरी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी अपने बच्चों को कम नहीं समझना चाहिए उसे मोटिवेट कर कर सफलता की ओर धकेलना चाहिए। किसी कक्षा में फेल होने के बाद यह कोई नहीं कह सकता कि वह जिंदगी भर सफल रहेगा यह हमारे सामने एक उदाहरण है कि रुक्मणि रियार जो छठी कक्षा में फेल थी तब वह IAS अधिकारी के रूप में कार्यरत है।